Meri aawaj

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Sunday, August 15, 2010

आज का दौर

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इस हादसों के दौर में हम चकनाचूर हो गए
जब से अपनी माँ के आँचल से दूर हो गए

बहुत मुश्किल न था हमारा मशहूर होना यहाँ
हमने जमीर बेंचा और हम मशहूर हो गए

कोई काम नहीं आता एक दूसरे के यहाँ 
आज हम सब देखो कितने मगरूर हो गए

बेटियों को बाप ने ये कह कर जहर दिया 
माफ़ करना हमको हम तो मजबूर हो गए 
 
दह्शदगर्दी छाई है मेरे हर एक शहर में
सुना है अमन के फ़रिश्ते शहरों से दूर हो गए

इस हादसों के दौर में हम चकनाचूर हो गए
जब से अपनी माँ के आँचल से दूर हो गए
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- अभिषेक  

2 comments:

Sunil Kumar said...

दह्शदगर्दी छाई है मेरे हर एक शहर में
सुना है अमन के फ़रिश्ते शहरों से दूर हो गए

sher achha laga badhai

VIJAY KUMAR VERMA said...

बहुत मुश्किल न था हमारा मशहूर होना यहाँ
हमने जमीर बेंचा और हम मशहूर हो गए
aapki poori gazal man ko chhoo gayi