जो वो रोये तो हंगामा हो गया
हम रोये तो किसी को खबर न हुई
गिला नहीं कि मुझे यार ने क़त्ल किया
गिला है कि उसे प्यार की खबर न हुई
शिकवा करूँ भी तो क्या करूँ रकीब से
कमबक्त जिंदगी मुझसे ही बसर न हुई
ताउम्र देखता रहा औरों की गलतियाँ
खुद की गलतियाँ पर कभी नज़र न हुई
-अभिषेक
1 comment:
जो वो रोये तो हंगामा हो गया
हम रोये तो किसी को खबर न हुई
अभिषेक जी ऐसा ही होता है ...
मन को छू लेने वाली बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल
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