Meri aawaj

Meri aawaj

Friday, February 4, 2011

थक गया हूँ अब तो सोने दो मुझे

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थक गया हूँ अब तो सोने दो मुझे
दिन भर देखे ख्वाब संजोने दो मुझे

सूख कर पत्थर हुए उन आँसुयों से
एक सीप सी माला पिरोने दो मुझे

तप गयी रूह मेरी इन चाँद तारों से
आंसुओं की झील में डुबोने दो मुझे

ख्वाबों को बेचकर इस दुनियांदारी में 
पाया है जो कुछ भी खोने दो मुझे
 
-अभिषेक
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